वर्जिन भानुप्रिया का ट्रेलर रिलीज हुआ तो ऐसा लगा था की इस बार सेक्स कॉमेडी के मसाले पर कुछ
हटकर देखने को मिलेगा| जिसमे एक अजीबो-गरीब कुंडली दोष के चलते वर्जिन भानुप्रिया (Urvashi
Rautela) अपनी वर्जिनिटी तोड़ने को लेकर परेशान है| आखिर क्या ये
फिल्म आपको देखनी चाहिए की नहीं??? इन सवालो का जवाब आपको इस रिव्यु को पढ़कर हो
जायेगा|
एक्ट्रेस
उर्वशी रौतेला (Urvashi Rautela) की
फिल्म (Film) 'वर्जिन भानुप्रिया' (Virgin
Bhanupriya) zee5 OTT platform पर रिलीज़ हो चुकी है,लेकिन जितना सेनसेशन
Virgin Bhanupriya के ट्रेलर ने बनया था उतनी ही ये फिल्म
बकवास है| सेक्स ड्रामा कॉमेडी(sex drama comedy) के जोनर में इस फिल्म को रिलीज़ किया गया था| लेकिन ना तो इस फिल्म में
कहानी है ,ना सेक्स कॉमेडी का तड़का है ,यहाँ तक की अगर उर्वशी रौतेला और गौतम
गुलाटी की केमिस्ट्री बात करे तो वो भी कोई प्रभाव नहीं डालती है |
सबसे बड़ी बात,हॉट
अंदाज़ लुक के लिए उर्वशी रौतेला वैसे ही काफी मशहूर है ,उन्हें वर्जिन भानुप्रिया
के रूप में देखन गले से नीचे नहीं उतरता है और न ही आँखों को विश्वाश होता है की
उर्वशी एक गीक गर्ल का रोल प्ले कर रही है |एक्टिंग के बारे में हम बाद में बात
करेंगे पहले इस कहानी के प्लाट पर एक नज़र डालते है|
क्या है वर्जिन भानुप्रिया की कहानी
फ़िल्म की
कहानी 20 साल की भानुप्रिया(उर्वशी रौतेला) के इर्द गिर्द रची गयी है| भानु के माता
पिता विजय(राजीव गुप्ता ) और मधु (अर्चना पूरण सिंह ) बात बेबात एक दूसरे से लड़ते
रहते है| तो वही 20 साल भानुप्रिया अपने प्रिंस चार्मिंग को पाने के लिए बेताब है और
उसी के साथ अपनी वर्जिनिटी को खोना चाहती है| वही उसकी फ्रेंड रूमाना मोला( Rumana
Molla) खुले विचारो वाली औए पहली डेट में अपनी वर्जिनिटी खोने वाली आज़ाद ख्याल की
लड़की है |
रुकुल भानुप्रिया के सपने को पूरा करने में हेल्प करती है और उसे राजीव
(सुमित गुलाटी ) से मिलवाती है| लेकिन राजीव भानुप्रिया के सपनो वाला वो राजकुमार
नहीं होता जिसका वो दिन रात सपने बुनती है | लेकिन अपनी वर्जिनिटी को तोड़ने के
चक्कर में वो राजीव से मिलने के लिए राज़ी हो जाती है | लेकिन बात आगे नहीं बढती है
| भानु जब भी अपनी लव लाइफ (love life) को संवारने या फिर उसे आगे बढ़ाने के
लिए कदम उठाती है उसके हाथ निराशा लगती है|
लेकिन एक
दिन भानुप्रिया को उसे सपनो का राजकुमार अभिमन्यु(गौतम गुलाटी )के रूप में मिल
जाता है| अब भानु को लगने लगता है की अब उसकी वर्जिनिटी तोड़ने का सपना पूरा हो
जायेगा |
तो क्या
भानुप्रिया अपने सपनों के राजकुमार के साथ वो सब कुछ कर पाती है जिसके लिए ये पूरी
फिल्म लिखी गयी है वर्जिन भानुप्रिया ? क्या भानुप्रिया वर्जिन ही रह जाती है ? क्या
भानु अभिमन्यु के साथ अपनी वर्जिनिटी खो पाती है? ऐसे बहुत से सवाल जहन में कौंधते है जिनका जवाब हमें फ़िल्म देखकर ही मिल
पायेगा अगर आप जवाब चहाते है ? वर्ना कोई जरुरी नहीं दुनिया में और भी कुछ है जाने
को ?
यह भी पढ़े :-सुष्मिता सेन की पॉवरफुल कमबैक वेब सीरीज़ Aarya
कैसा रहा सभी का अभिनय ?
कहानी तो
आपको पता लग चुकी होगी अभी तक लेकिन क्या वर्जिन भानुप्रिया बनी उर्वशी रौतेला और
उसके सपनो के राजकुमार बने गौतम गुलाटी (अभिमन्यु ) का अभिनय आपको कुछ सेनसेशन पैदा करेगा |आइये जानते है |
सोशल
मीडिया पर इस फिल्म का ट्रेलर और उर्वशी –गौतम गुलाटी की शादी के फोटोग्राफ्स काफी
सुर्खियां बटोर चूका था | बस सारा खेल आपको इस बकवास फिल्म को देखने के लिए उत्सुक
करने के लिए था | खैर सीधे मुद्दे पे आते है
उर्वशी के
पास अच्छा मौका था की वो बॉडी लैंग्वेज (Body language)और अभिनय के जरिये अपने आपको प्रूफ कर सकती थी लेकिन वो नाकाम आ रही|
ऐसा ही हाल
बिग बॉस फेम गौतम गुलाटी का है,उन्हें देख कर लगता है एक्टिंग तो उनके बस की बात
नहीं है | बाकि बात रही फिल्म के अन्य कलाकारों की तो भटकी हुई कहानी ,लचर स्क्रीनप्ले
बेकार संवाद , और पत्रों का सही चुनाव न
होना सभी के अभिनय पर पानी फेर देता है | इसलिए राजीव गुप्ता ,अर्चना पूरण सिंह
,राजीव गुलाटी और ब्रिजेंद काले जैसे चुनिंदा कलाकार भी कुछ नहीं कर पाए |
कैसा है फिल्म का निर्देशन?
एक्टिंग और
कहानी तो पता लग गयी अगर निर्देशन और सिनेमाटोग्राफर का कम के बारे में जानना है
तो इस पढ़े वर्ना यहाँ स्किप कर सकते है ,क्यूंकि कहानीऔर अभिनय कैसा औसत से नीचे स्तर
का आपको पता चल गया है |
लेखक को तो
ऑस्कर मिलना चाहिए की वो नया कुंडली दोष लेकर आया है जिसका वास्तविकता से कोई लेना
देना नहीं ,ठीक है सिनेमेटिक लिबर्टी इतनी छूट देती है लेकिन कहानी पर तो ध्यान दे
सकते थे राईटर भाई ,की सारा ज्ञान कुंडली दोष को ढूंढने में ही लगा दिया |
अब बात करे
adsworld की दुनिया से आये निर्देशक अजय लोहान (Ajay
Lohan) की तो ये उनकी डेब्यू फिल्म है ,लगता है उन्हें अपने डेब्यू
की कोई पड़ी नहीं है तभी तो घटिया निर्देशन इस फिल्म को और भी घटिया बना देता है |
फिल्म किसी भी स्तर पर परफॉर्म नहीं करती हैयहाँ तक की सिनेमाटोग्राफर जोनी लाल भी
कुछ कमल नहीं दिखा पाए |